🔱 हर-हर महादेव!<br /><br />यह नया महाकाल भजन “महाकाल की कृपा छाया”केवल हिंदी और संस्कृत शब्दों में रचा गया है, जो उज्जैन महाकाल की दिव्यता और शक्ति को समर्पित है।<br />इस भजन में महाकाल की शरण, उज्जैन नगरी की महिमा, शिव की योगमय शक्ति और भक्तों पर होने वाली कृपा का वर्णन है।डमरू, शंख, तानपुरा और पारंपरिक संगीत के साथ यह भजन सुबह–शाम की पूजा, ध्यान, आराधना और मंदिर कार्यक्रमों के लिए अत्यंत पावन है।<br /><br />✨ गीत के मुख्य संदेश:<br />• महाकाल की शरण सभी भय दूर करती है<br />• मृत्यु भी शिव की दासी है<br />• उज्जैन नगरी शिव की अमर तपस्थली है<br />• शिव भक्तों संग हर युग में खड़े रहते हैं<br /><br />इस भजन को सुनने से मन में शक्ति, शांति और भक्ति की अनुभूति होती है।<br />🔱 जय महाकाल!हर-हर महादेव!<br /><br />Lyrics:<br />-------- महाकाल की कृपा छाया ---------<br /><br />डमरु नाद…<br />त्रिपुरारी का स्मरण…<br />हर–हर महादेव…<br />शंभो… शंभो…<br /><br />सबको मिला सहारा,<br />महाकाल की शरण में।<br />काल भी हो जाता हारा,<br />महाकाल की शरण में।<br /><br />भय हो चाहे घनघोर,<br />शिव रक्षक बन जाएं।<br />उज्जयिनी के महाप्रभु,<br />पल में दुख हर जाएं।<br /><br />जग पूरा झुके त्रिनेत्रा,<br />शिव के ही चरण में।<br />शक्ति का है धारा सारा,<br />महाकाल की शरण में।<br /><br />जय शंभो…., जय महाकाल…<br /><br />मृत्यु भी दासी शिव की,<br />शंभु के आदेश चले।<br />भूत गनें रक्षक बनकर,<br />हर बाधा को दूर करें।<br /><br />समय का चक्र भी थर्राए,<br />शिव का उग्र स्वरन में।<br />भाग्य बने उजियारा,<br />महाकाल की शरण में।<br /><br />जय शंभो…., जय महाकाल…<br /><br />शिप्रा तट पर बैठे,<br />त्रिलोकपति दयानाथ।<br />जिसने ली शरण उनकी,<br />सुख मिलता दिन और रात।<br /><br />उज्जैन नगरी पावन,<br />तेज फैला गगन में।<br />भक्ति का है उजियारा,<br />महाकाल की शरण में।<br /><br />जय शंभो…., जय महाकाल…<br /><br />योगी रूप निराला,<br />माया उनकी अगाध।<br />भक्तों संग हर युग में,<br />रखा शिव ने संबंध।<br /><br />ध्यान लगे जो मन से,<br />बने जीवन मधुबन में।<br />संसार का पार उतारा,<br />महाकाल की शरण में।<br /><br />जय शंभो…., जय महाकाल…<br /><br />हर–हर महादेव…<br />जय महाकाल…<br />शिव शंकर…<br />शरण तव देव…<br /><br />जय शंभो…., जय महाकाल…
